आज दिनांक 07.06.2022 को प्रातः 10.00 बजे नर बाघ शौर्य अपने बाड़े से वन विहार के खुले क्षेत्र में बाहर निकल गया था। सूचना प्राप्त होते ही प्रबंधन द्वारा वन विहार से समस्त पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकालने की कार्यवाही की गई। दोनों प्रवेश द्वारों को पर्यटकों हेतु तत्काल बंद किया गया। नर बाघ की तलाश करने हेतु चार दलों का गठन कर अलग - अलग क्षेत्र में खोज करने हेतु भेजा गया। बाघ खोजने हेतु निकले एक दल जिसमें श्री शर्मानंद गैरे वनरक्षक एवं अन्य सदस्य सम्मिलित थे उन्हें ये "शौर्य' बाघ बारासिंगा बाडे के किनारे छाँव में लेटा हआ मिला। स्थल की जानकारी प्राप्त होते ही समस्त गठित दलों को वाहन सहित मौके पर पहुँचने हेतु निर्देश दिये गये तथा वाहनों से स्थल को चारों ओर से घेरा गया ताकि बाघ किसी भी स्थिति में बाहर की ओर न जा सके। तत्पश्चात् वन्यप्राणी चिकित्सक डॉ. अतल गप्ता द्वारा उसे टेंक्यलाइज कर बेहोश किया गया । निश्चेत बाघ को आवश्यक सावधानी बरती जाकर टाइगर केज में रख कर एंटीडोट दिया गया तथा उसे रेस्क्यू वाहन से रेस्क्यू सेंटर में उसकी हाउसिंग में वापस पहुंचा दिया गया। उक्त घटना के दौरान किसी भी प्रकार की कोई क्षति नहीं हयी। प्रथम दृष्टया जू कीपर की गलती से इन्क्लोजर का गेट खुल जाने के कारण यह बाघ "शौर्य बाहर निकला था।वनविहार प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है, दोषियों को नियमानुसार दण्डित किया जायेगा।
उक्त नर बाघ को अत्यंत गंभीर अवस्था में दिनांक 13.01.2021 को हरदा से रेस्क्यू कर उपचार हेतु वन विहार लाया गया था तथा पूर्णतः स्वस्थ होने के उपरांत इसको सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में दिनांक 09.03.2021 को प्राकृतिक रहवास में छोड़ा गया था। अपरिहार्य कारणवश उक्त नर बाघ शौर्य को पुनः रेस्क्यू कर दिनांक 16.06.2021 को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से वापस वन विहार लाया गया था।