अंर्तराष्ट्रीय गिद्ध दिवस दिनांक 02.09.2023 के अवसर पर वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में गिद्ध संरक्षण एवं संर्वधन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में भोपाल शहर के आस-पास संचालित समस्त अशासकीय स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा एवं मनरेगा (मुख्यमंत्री गौसेवा योजना) अंतर्गत संचालित गौशालाओं के संचालक/प्रबंधक सम्मिलित हुए। कार्यशाला में गौ संचालकों को गिद्ध संरक्षण एवं संर्वधन विषय पर जानकारी के साथ-साथ गायों के उपचार में डायक्लोफेनिक दवा का उपयोग न करने एवं अन्य विषयों पर विषय विशेषज्ञों द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई। कार्यशाला के उद्देश्यों पर श्रीमती पद्मप्रिया बालाकृष्णनन्, संचालक, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान-जू, भोपाल द्वारा प्रकाश डाला। गिद्धों की रहवास की पहचान की जानकारी श्री दिलशेर खान तथा गिद्ध संरक्षण के महत्व पर डाॅ. संगीता राजगीर द्वारा अपने विचार प्रकट किए। गिद्धों की पहचान के सम्बन्ध में मो. खालिक द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई। डाॅ. रामटेके, उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएँ, भोपाल द्वारा दुधारू पशुओं के उपचार में डायक्लोफेनिक दवा का उपयोग न करने तथा उसके स्थान पर मैलेक्जिकेम दवा उपयोग करने की सलाह दी गई। डायक्लोफेनिक दवा का उपयोग दुधारू पशुओं के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित किया गया है। कार्यशाला के अंत में समस्त प्रतिभागियों को जागरूक करने के उद्देश्य से वल्चर आधारित साँप सीड़ी खेल का आयोजन किया गया। कार्यशाला के अंत में सहायक संचालक, वन विहार द्वारा आभार व्यक्त किया।